Hazrat habib ajami ki basirat imam safai aur imam hunble
Hazrat habib ajami
Imam Safai
Imam hunble
एक रोज हबीब अजमी एक जगह तसरीफ फरमा थे और इबादत मे मशगूल थे वहाँ से इमाम साफई और इमाम हम्बल का गुजर हुआ हबीब अजमी को देख कर इमाम अहमद बिन हम्बल से इमाम साफई बोले हबीब वसले बिल्लाह हैँ उनसे सवाल करना फूजूल है उनका मसलक हमसे मुख्तलिफ है लेहाजा उनको सवालों से हल्कान कर दानिसमंदी नहीं इमाम हनबल पर इमाम साफई की बात कोई असर ना किया...
और उन्होंने एक सवाल कर दिया और पूछा अये हबीब अजमी अगर किसी शख्स की 5नमाजो मेसे एक नमाज कजा हो जाये मगर वोह शख्स भूल चुका हो कोनसी नमाज़ कजा हुई थी तो फिर उस सूरत मे कोनसा रास्ता इख़्तियार करेगा हबीब अजमी ने जवाब दिया कि उस शख्स की सारे दिन की तमाम नमाजे अदा करनी होगी कियोकि वोह खुदा की फ़र्ज इबादत से इतना ग़ाफ़िल कियो हुआ और इतनी बड़ी गलती के इरतेकाब की इतनी सजा तो बेहद जरुरी है इमाम अहमद हम्बल खामोश हो गये मगर इमाम साफई को बहुत ख़ुशी हुई और फरमाया मैंने तुम्हे बताया तो था कि हबीब अजमी से कोई ऐसा वैसा सवाल ना करना जिससे तुम्हे सबकि हो कियोकि जिस मर्तबे पर हबीब अजमी फायज हैँ वहाँ बड़े बड़े औलिया नहीं पहुंच सके तो फिर हमारा भला किया मुकाम है